Tuesday, August 25, 2009

अपना खेत-अपनी पाठशाला का ग्याहरवाँ सत्र

चाबरी  की चौपाल में कृषि पंचायत।
अपना खेत-अपनी पाठशाला, निडाना के किसानों ने पिछले सत्र में लिए सामूहिक फैसले को लागु करने के लिए अपनी व्यक्तिक जिम्मेवारियों का निर्वाहन बाखूबी किया। अगस्त की बीस तारीख में दीपक के ट्रैक्टर पर सवार होकर, पाठशाला के आठ किसान भू.पु.सरपंच रत्तन सिंह के नेतृत्व में सुबह नौ बजे ललित खेड़ा पहुंचे। गावं के किसानों को राजपाल की बैठक में इक्कठा किया। फसल पोषण, कीट प्रबंधन व् रोग प्रबधन पर रत्तन सिंह ने अपना खेत-अपनी पाठशाला के अनुभव विस्तार से उपस्थित किसानों को बताये। महाबीर ने किसानों को कपास के कीटों बारे जानकारी दी। इतफाक से मौके पर मौजूद सिंधवी खेड़ा के बलवान मलिक व् बलवान वकील ने किसानों की इस कृषि-पंचायत की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए सिंधवी खेड़ा में भी एक ऐसी ही पंचायत आयोजित करने की अर्ज की। हरफूल के राजपाल ने गुहांडी भाईयों का इस कार्यक्रम के लिए धन्यवाद करते हुए जलपान का प्रबंध भी किया।
ललित खेड़ा में कृषि पंचायत
निडाना की खेत पाठशाला के किसानों की यही पंचायत अगस्त की चौबीस तारीख, बार-सोमवार को दिन के दस बजे मारुती, ट्रैक्टर व् मोटरसाईकल पर सवार होकर चाबरी की चौपाल में पहुँची। बस्साऊ अर् राममेहर तो इस पंचायत में पैदल ही जा पहुंचे। चाबरी के पच्चास से ज्यादा किसान अपने गुहांडी किसानों की बात सुनने इस कृषि-पंचायत में हाजिर हुए। पाठशाला के प्रतिनिधियों के रूप में रत्तन सिंह, रणबीर व् बसाऊ ने चाबरी के इन किसानों के साथ अपने अनुभव साझे किए। चाबरी के किसानों की तरफ से साहिब, प्रेम, परताप, महाबीर, अशोक व् करतार आदि ने बहस को आगे बढाया। इस बहस को समेटते हुए डा.सुरेन्द्र दलाल ने धान की खेती के बारे में किसानों को विस्तार से बताया। अंत में साहिब ने इस कार्यकर्म के आयोजन के लिए निडाना के किसान भाईयों का धन्यवाद किया तथा जलपान का प्रबंध किया।
सिम्मड़ो बीटल का गर्ब चेपे का भक्षण करते हुए।
महाबीर पिंडे के पाठशाला वाले खेत में कीड़े अब हांगा मारे पावै से। इसीलिए अब किसानों के सभी समूहों ने पौधों के पत्तों पर कीट गिनने छोड़ दिए। आज बागा, जिले, पाला, जयकिशन व् रत्तन की टीम ने एक पौधे पर चितकबरी सुंडी के प्रकोप को निंगाह लिया। इस सुंडी ने इस पौधे पर सात-आठ फुल-बौंकियों को क्षतिग्रस्त कर रखा था। इसके अलावा तो इस खेत में इस कीट का हमला कहीं नजर नही आया।
दीपक, महाबीर, संदीप, विनोद व् रणबीर की टीम ने एक अन्य पौधे के पत्तों पर अल को देख लिया। फसल में अल की अभी शुरुआत ही हुई है। इस टीम ने अल से प्रकोपित पौधे पर सिम्मडो नामक बीटल के बच्चे को अल खाते हुए मौके पर ही पकड़ लिया। सिम्मडो के प्रौढ़ व् गर्ब सुंडियों के अंडे भी खाते हैं। यह जानकारी रणबीर, राममेहर, राजेन्द्र व् रत्तन को पहले से ही थी। इस बीटल के गर्ब को मिलीबग के बच्चे खाते आज से तीन साल पहले ही रूपगढ के किसानों की उपस्तिथि में देख रखा है।
चितकबरी सूंडी सा ग्रसित बौकियाँ।
आज तो अगस्त की पच्चीस तारीख है। इस दिन तो इन किसानों ने खरकरामजी में कृषि-पंचायत का आयोजन करने जाना है। आज पाठशाला के सत्र का फटाफट यहीं अंत कर इस पाठशाला के सोलह किसान खरक रामजी गावं के लिए रवाना हुए।

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