Tuesday, October 20, 2009
Tuesday, October 6, 2009
अपना खेत-अपनी पाठशाला का सत्रहवां सत्र
"खेत में तो घुस नही सकते| पिंडे नै कल ही इसमें ठाडा पाना ला दिया| इब के जरुरत थी पानी लान की?" - बिने के पाले नै छेड़ा छेड्या|
"स्टिंक-बग, मिरिड-बग व् मसखरा-बग(SQUASH BUG) भी तो देखे थे|", रणबीर ने बीच में टांग अड़ाई|
"देखन नै तो! तेलन(BLISTER BEETLE), भूरी पुष्पक-बीटल(BROWN FLOWER BEETLE) व् चैफर-बीटल(CHAFER BEETKE) भी देखी थी|"- जवानों की बहस में बसाऊ नै जोश दिखाया|
" ठीक सै, इब आगै तै एक टेम पै एक ही बोलेगा| वो अपनी पूरी बात कह ले तब दूसरा बोलेगा| बीच में टोका-टाकी नही होगी| इब यु रुपगढ़िया राजेश हमें चर्वक किस्म के कीटों का मोटा-मोटा हिसाब देगा|" - डा.दलाल ने उपस्थित किसानों से मुखातिब हो अपना आदेश सुनाया|
राजेश, "डा.साहिब इस कपास के सीजन में फलीय भागों को नुकशान पहुचाने वाली, तीनों सुंडियां देखन नै भी नही मिली| एक दिन तो चितकबरी-सुंडी(SPOTTED BOLLWORM-ADULT) का प्रौढ़ मिला था अर् केवल एक दिन एक पौधे पर सात- आठ बौकियों पर इसकी सुंडी का नुकशान देखने को मिला था| जहाँ तक गुलाबी सुंडी की बात सै, इससे प्रकोपित केवल दो फिरकीनुमा फूल,
होक्मे का संदीप न्यूं कहन लगा,"डा.साहिब, इस राजेश नै न्यूं पूछो अक या सांठी वाली सुंडी कपास नै कद तै खान लागगी| मनै अपने खेत में खूब खेड़ मार कर देख ली| या सांठी वाली सुंडी कपास के पौधों को कुछ नहीं कहती| लोग बेमतलब डरते होए इस नै मारन खातिर सांठी पर भी कीटनाशकों का स्प्रे करते मिल जायेंगे|"
संदीप की पूरी बात ध्यान तै सुनकै डा.दलाल कहन लगा, "संदीप यु राजेश के तेरा जेठ लागै सै? सीधे राजेश नै ए क्यूँ नहीं पूछ लैंदा|" या सुन कै सारे किसान खिल-खिलाकर हंस पड़े| पर रतने नै या हंसी नहीं सुहाई अर् न्यूं बोल्या, "मेरी बात सुनो! सारे कीड़े गिना दिए| बी.टी.कपास में, हम इस मिलीबग तै डरा थे| यु मिलीबग तो भस्मासुर जिसा दिखै था| पर जमां फुस्स लिकड़ा| इसके तो भांत-भांत के कीड़े अर् रोगाणु ग्राहाक पाए| पर इस लाल-मत्कुण(RED COTTON BUG) व् श्यामल-मत्कुण(COTTON DUSKY BUG) का के करां? इनको खाने वाला कोई कीड़ा, हमने नहीं देखा| एक-आध लाल-मत्कुण जरुर फफूंद रोग से मरता हुआ पाया गया| किते-किते इसनै, मकड़ी भी चपेटे पाई गई| फेर भी इन दोनु मत्कुनों ने इबकी बार कपास की फसल में नुकशान करण में कसर नहीं घाली, खासकर बी.टी.कपास में| कम तै कम भी एक किले गेल पांच मन का खादा मारा| ये दोनु कीड़े कपास के बीजों का तेल पीगे| ऊपर-ऊपर तै कपास आछी दिखें गई अर् मंडी में तोल के समय कम पाई| इब कम उत्पादन के लिए कृषि वैज्ञानिक शब्दां की पूंछ ठा-ठा कै इस के किम्मे कारण गिना दियो| मसलन- किसानों द्वारा प्रबंधन तकनीक का पूरी दक्षता के साथ इस्तेमाल न करना, हईब्रिडों का सही चुनाव ना करना, नये कीड़ो का आगमन एवं प्रकोप होना आदि|
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